सूरजपुर।सूरजपुर पुलिस की सशक्त रात्रि गश्त का असर नजर आने लगा है। रात्रि गश्त के दौरान पुलिस ने 203 संदिग्धों/सजायात व्यक्तियों को चेक किया, 28 की धरपकड़ कर थाना लाया और कड़ी पूछताछ कर छोड़ा गया तथा 68 निगरानी, गुण्डा व माफी बदमाशों की चेकिंग कर उन्हें सख्त लहजे में अपराधिक गतिविधियों से दूर रहने की हिदायत दी गई।
अपराधों की रोकथाम, आमजनों की सुरक्षा, शांती एवं कानून व्यवस्था को पुख्ता रखने, अपराधियों के विरूद्ध सख्त कार्यवाही हेतु रात्रि गश्त का सशक्त तौर पर करने के सख्त निर्देश डीआईजी व एसएसपी सूरजपुर श्री प्रशांत कुमार ठाकुर ने पुलिस अधिकारियों को दिए थे। शनिवार, 28-29.06.2025 की दरम्यानी रात्रि अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संतोष महतो के मार्गदर्शन में सूरजपुर क्षेत्र में सीएसपी एस.एस.पैंकरा, अनुभाग प्रेमनगर क्षेत्र में एसडीओपी नरेन्द्र सिंह पुजारी, अनुभाग ओड़गी क्षेत्र में एसडीओपी राजेश जोशी, अनुभाग प्रतापपुर में एसडीओपी सौरभ उईके, भटगांव क्षेत्र में डीएसपी रितेश चौधरी, विश्रामपुर क्षेत्र में एसडीओपी अभिषेक पैंकरा व डीएसपी अनूप एक्का के नेतृत्व में सभी थाना-चौकी प्रभारी व पुलिस लाईन के 350 से अधिक अधिकारी व जवानों ने रात्रि गश्त किया।
इस दौरान जिलेभर में गश्त कर दबिश देकर 203 संदिग्धों/सजायात को चेक किया गया, 28 लोगों को पकड़कर थाना लाया गया, सख्ती से पूछताछ के बाद इन्हें कड़ी चेतावनी के बाद छोड़ा गया, रात्रि में 45 घुमते हुए पाए गए लोगों की भी सघन पूछताछ कर जांच की गई। रात्रि गश्त में 68 निगरानी, माफी व गुण्डा बदमाश को चेक करने पर यह सभी अपने घर पर मिले जिन्हें अपराध से दूर रहने की कड़ी हिदायत दी गई और उनके मोबाईल नंबर की जानकारी लेते हुए जीवन यापन के कार्यो की बारीकी से जानकारी ली गई। रात्रि गश्त के दौरान पुलिस टीमों के द्वारा विद्यालय परिसर, जिला चिकित्सालय और बस स्टैण्ड, बैंक एवं एटीएम की आकस्मिक जांच की गई। शहर के चौक-चौराहों पर शराब पीकर वाहन चलाने वालों की चेकिंग की गई।
खेलसाय सिंह सूरजपुर /– न्याय की पहुँच को जन-जन तक पहुँचाने के उद्देश्य से, सूरजपुर में एक ऐतिहासिक और भव्य ओरिएंटेशन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम माननीय छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, बिलासपुर के दिशानिर्देशों और जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्रीमती विनीता वार्नर के कुशल मार्गदर्शन में आयोजित हुआ। जिला पंचायत भवन के सभागार में आयोजित इस कार्यक्रम का मुख्य केंद्र नालसा (NALSA) की चार महत्वपूर्ण नई योजनाएँ थीं: जागृति, डॉन, संवाद, और आशा। इस आयोजन की खासियत यह थी कि इसके साथ किशोर न्याय इकाई पर एक विशेष कार्यशाला भी आयोजित की गई, जिसमें किशोरों से जुड़े कानूनी पहलुओं और उनके पुनर्वास पर गहन चर्चा हुई। सकारात्मक शुरुआत और प्रेरणादायक माहौल कार्यक्रम का शुभारंभ बेहद प्रेरणादायक रहा। अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलन के बाद प्रोजेक्टर पर नालसा थीम सॉन्ग चलाया गया, जिसने हॉल में उपस्थित सभी लोगों में कानूनी सेवाओं के प्रति समर्पण और उत्साह का संचार किया। इस दौरान उपस्थित लोगों को पर्यावरण संरक्षण का संदेश देते हुए पौधे लगे गमले भेंट किए गए, जो इस कार्यक्रम को एक अनूठा और सकारात्मक स्पर्श देता है। प्रमुख वक्ताओं ने योजनाओं और कानूनी प्रावधानों पर दिया ज़ोर * ‘आशा’ योजना: बाल विवाह के खिलाफ एक नई किरण कुटुंब न्यायालय की न्यायाधीश श्रीमती प्रज्ञा पचौरी ने ‘आशा’ योजना के विभिन्न पहलुओं को गहराई से समझाया। उन्होंने बताया कि यह योजना बाल विवाह के पीड़ितों को विशेष कानूनी सहायता और परामर्श प्रदान करती है। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि यह योजना केवल कागजों पर न रहे, बल्कि ग्राम सरपंचों और पैरालीगल वालंटियर्स को मिलकर इसे जमीनी स्तर पर लागू करना होगा ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में बाल विवाह जैसी सामाजिक कुरीति को जड़ से खत्म किया जा सके। * पॉक्सो एक्ट और साइबर क्राइम पर महत्वपूर्ण चर्चा फास्ट ट्रैक विशेष न्यायालय के न्यायाधीश श्री आनंद प्रकाश वारियाल ने पॉक्सो एक्ट पर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कैसे यह कानून बच्चों को यौन अपराधों से सुरक्षा प्रदान करता है और बाल विवाह पर भी रोक लगाता है। उन्होंने विशेष रूप से सोशल मीडिया के बढ़ते दुरुपयोग और उससे होने वाले साइबर अपराधों पर भी लोगों को जागरूक किया, जो आज के समय में एक बड़ी चुनौती बन गई है। उन्होंने सरपंचों से ग्रामीण स्तर पर इन मुद्दों पर जागरूकता फैलाने की अपील की। * किशोर न्याय की नई परिभाषा न्यायिक मजिस्ट्रेट श्री आशीष भगत ने किशोर न्याय बोर्ड (JJB) के प्रावधानों पर प्रकाश डाला। उन्होंने किशोरों द्वारा किए जाने वाले अपराधों के पीछे के सामाजिक-आर्थिक कारणों, जैसे गरीबी, पर विचार व्यक्त किए। उन्होंने बताया कि कैसे किशोर न्याय अधिनियम बच्चों को सुधारने और उन्हें समाज की मुख्यधारा में वापस लाने का अवसर प्रदान करता है, बजाय इसके कि उन्हें सिर्फ अपराधी माना जाए। * योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू करने की प्रक्रिया जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव श्रीमती प्रतीक्षा अग्रवाल ने नालसा की इन नई योजनाओं के व्यावहारिक क्रियान्वयन की प्रक्रिया को विस्तार से समझाया। उन्होंने बताया कि इन योजनाओं को कैसे प्रभावी ढंग से लागू किया जाएगा ताकि वे वास्तव में ज़रूरतमंद लोगों तक पहुँच सकें और उन्हें समय पर न्याय मिल सके। कुशल नेतृत्व और व्यापक भागीदारी यह कार्यक्रम प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्रीमती विनीता वार्नर और न्यायाधीश श्रीमती प्रज्ञा पचौरी की संयुक्त अध्यक्षता में संपन्न हुआ। उनके कुशल नेतृत्व ने कार्यक्रम को एक उच्च स्तर की विश्वसनीयता और दिशा प्रदान की। कार्यक्रम का संचालन जिला बाल संरक्षण अधिकारी श्री मनोज जायसवाल ने अत्यंत प्रभावशाली ढंग से किया। इस अवसर पर न्यायिक अधिकारियों के साथ-साथ उप पुलिस अधीक्षक श्री संतोष कुमार महतो, अपर कलेक्टर श्री जगन्नाथ वर्मा, श्री रमेश साहू, जिला कार्यक्रम अधिकारी सूरजपुर, समाज कल्याण विभाग के उप संचालक श्रीमती बी. तिर्की, किशोर न्याय बोर्ड के अध्यक्ष एवं सदस्य, बाल कल्याण समिति के अधिकारी, श्री हृदय नारायण श्रीवास्तव, चीफ लीगल एड डिफेंस कौंसिल सूरजपुर और सूरजपुर ब्लॉक के सभी सरपंचगण भी उपस्थित थे। उनकी उपस्थिति ने इस कार्यक्रम की गंभीरता और व्यापकता को दर्शाया। यह उन्मुखीकरण कार्यक्रम कानूनी साक्षरता को बढ़ावा देने, कानूनी सेवाओं को सुलभ बनाने और समाज के हर वर्ग तक न्याय की पहुँच सुनिश्चित करने की दिशा में एक मील का पत्थर साबित हुआ। यह आयोजन निश्चित रूप से सूरजपुर जिले में कानूनी सहायता प्रणाली को मज़बूत करेगा और एक न्यायपूर्ण समाज के निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान देगा।